पटना: बिहार में चुनावी घमासान शुरू हो गया है और दागियों को टिकट देने में भाजपा ने तगड़ी लीड ले ली है. प्रमुख दलों, भाजपा, जदयू, राजद, लोजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों की सूची में कुल ८० उम्मीदवार दागी हैं और उनमें से ४१ भाजपा के हैं.
दागियों को टिकट दे कर भाजपा, जदयू, राजद, और लोजपा ने अपना-अपना परिचय बनाये रखा है कि वे जो बोलते हैं, उस पर कभी चलते नहीं. वैसे, इन तीनों दलों की स्पष्ट मान्यता है कि दल का टिकट उसे ही दो, जो जीतने का दमखम रखता हो. नीतीश का तो भाषण ही शुरू होता है, गुंडा राज मिटाने के संकल्प से लेकिन वे सहारा तो हमेशा से लेते हैं दागियों का. लगता है कि इस बार नीतीश ज्यादा गंभीर नहीं हैं, लेकिन उनकी सहयोगी भाजपा ने दागियों को रिकार्ड संख्या में टिकट दे कर उनका काम पूरा कर दिया है.
नीतीश ने पिछले चुनाव में जिन-जिन दागियों को अपने 'साफ़ सुथरे' दल का टिकट दिया था, उनमें से एक ने विधायक बनते ही जो तमाशा पटना के एक होटल में किया था, उसका दूसरा मिसाल मिलना मुस्किल है.
राजद और लोजपा तो दागियों की पुरानी शरण स्थली है ही और पासवान लालू "वीनिंग उम्मीदवार" को ही टिकट देते हैं . यही कारण है कि लालू जी ने चुनाव के पहले वे जेल जा कर शहाबुद्दीन साहब से मिल आये. उनकी सलाह से उन्होंने लगभग चार तगड़े उम्मीदवार तय किये हैं. इस बार लालू जी के ददन पहलवान ने राजद का दामन छोड़ कर अपना अलग अखाड़ा जमा लिया है. उनके पास ताकत है तो फिर पार्टी की चिंता क्या करना. वे तो हमेशा ताकत के बल पर राजनीति करने में माहिर हैं.
लालू जी इस बार ताकतवर उम्मीदवारों के मामले में पिछड़ गए हैं. उनके ६५ उम्मीदवारों में मात्र नौ ही दागी हैं. कांग्रेस ने भी कुछ तगड़े उम्मीदवार खड़े किये हैं या तगड़े लोगों के सगे या पत्नी को चुनाव लड़वाने के मूड में हैं. लवली आनंद कांग्रेस में हैं, जो जेल में सजा काट रहे पूर्व सांसद आनंद मोहन की पत्नी है. वह चुनाव लड़ रही हैं. कांग्रेस के ७७ उम्मीदवारों में सिर्फ पांच दागी हैं.
अपने दल को सर्वादिक सभ्य मानने वाली भाजपा ने सर्वाधिक दागियों को टिकट दिए हैं. भाजपा के ८७ उम्मीदवारों में ४१ दागी हैं और कुछ तो उसकी साम्प्रदायिकता तो जीवंत रखने वाले उम्मीदवार हैं. सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ कर वोट लेने में माहिर भाजपा ने वैसे उम्मीदवारों को टिकट दिया है, जो सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने के लिए इस चुनाव में प्रभावी भूमिका निभायेंगे.
लोजपा की ३८ उम्मीदवारों की पहली सूची में ८ उम्मीदवार दागी हैं. लगता है की पासवान जी को भी इस बार पहलवान छाप के नेता नहीं मिले.
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