सोमवार, 9 मई 2011

झारखण्ड साहित्य संगम
३०७, हरिओम टावर, सर्कुलर रोड, रांची-मो.न. ९३०४४५३७९७
अध्यक्ष
दिलीप तेतरवे

दिनांक - १०.५.२०११

                                                                              प्रेस विज्ञप्ति


रांची. साहित्यकार दिलीप तेतरवे  ने मुखमंत्री अर्जुन मुंडा से मांग की  है कि अनधिकृत व विचलित निर्माण को चक्रवृद्धी शुल्क के माध्यम से नियमितीकरण  संबंधी झारखण्ड  अधिनियम २००१(अध्यादेश) को उनकी सरकार शीघ्र वापस  ले क्योंकि यह अधिनियम भेदभावपूर्ण  और बड़े  बिल्डरों के हितरक्षण के लिए बनाया गया है और इसका प्रथम लक्ष्य भारतीय जनतापार्टी के हरमू हाऊसिंग कालोनी में स्थित पार्टी मुख्यालय भवन को भी बचाना है. अगर अर्जुन मुंडा में और उनकी सरकार में, थोड़ी सी भी नैतिकता शेष है तो उसे  भेदभावपूर्ण और बड़े बिल्डरों के इशारे पर बनाये गए अध्यादेश तो तुरंत वापस लेनता चाहिए.

            श्री तेतरवे ने झारखण्ड विधान सभा के अध्यक्ष  सी पी सिंह  द्वारा इस अध्यादेश  पर दर्ज कराई गयी आपत्ति पर सहमति प्रकट करते हुए कहा है कि अगर इस अध्यादेश को वापस नहीं लिया गया तो उनकी संस्था हर उस स्थल पर कवि सम्मेलनों का आयोजन करेगा जहाँ अर्जुन मुंडा के बुलडोज़र ने ग़रीबों का आशियां उजाड़ा है, ताकि उनकी गलत  करवाई के सबंध में जनता को जागरूक  कर जन आन्दोलन की बुनियाद डाली जा सके  और गरीबों को,  अमीरों और कालाबाजारियों की मुंडा सरकार से मुक्ति दिलायी जा सके.
           श्री तेतरवे ने कहा है कि मुंडा को अपने पुत्रों के इलाज के लिए अमेरिका जाने से पहले यह सोचना चाहिए कि  उन बीमार, बूढ़े और लाचार  हो गए लोगों को राहत कहाँ मिलेगी, दवा कहाँ मिलेगी, भोजन कहाँ मिलेगा, जो उनके ख़ूनी बुलडोज़र के कारण बेघर और बेरोजगार हो गए हैं. कोई भी संवेदनशील व्यक्ति इस अमानवीय स्थिति को स्वीकार नहीं कर सकता है. हम इस संवेदनहीन सरकार को बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं.
          श्री तेतरवे ने राज्य के  सभी सामाजिक संगठनों, साहित्यिक संगठनों और राजनीतिक संगठनों से निवेदन किया है कि वे एकजुट जो कर अर्जुन मुंडा के  बुलडोज़र को रोकने के लिए जनांदोलन शुरू करें. उन्होंने जे एम एम  और आजसू से कहा है कि अगर वे सिर्फ सत्ता से चिपके रहने के लिए राजनीति कर रहे हैं तो, बेशक इस अध्यादेश के पक्ष में डटे  रहें और अगर उनमें  ग़रीबों के प्रति कुछ भी संवेदना शेष  है तो सरकार से अपने को अलग करें, क्योंकि दोनों ही पार्टियों के ज्यादातर समर्थक गरीब वर्ग के लोग हैं.

प्रचार सचिव
जिया जयदी          

सोमवार, 3 जनवरी 2011

झारखण्ड की शान दीपिका
























झारखण्ड की शान दीपिका
          झारखण्ड की सां दीपिका ने अचूक तीरंदाजी से झारखण्ड और देश का नाम राष्ट्रमंडल खेलों और  एशियाड  में रोशन किया. लोक सेवा समिति के सदस्य  दीपिका को झारखण्ड रत्न से सम्मानित करे स्वयं गौरव का अनुभव कर  रहे हैं. झारखण्ड के एक गरीब परिवार  में जन्म लेकर जिस दिलेरी के साथ उसने तीरंदाजी का कौशल सिखा और इस खेल में महरत हासिल की वह बहुत ही प्रेरणादायक है. उसकी कुछ उपलब्धियां :
        *राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक
        * फरवरी, २००९ में बंकोक में आयोजित एशियन आर्चरी ग्रेंड प्रिक्स में रजत पदक.
         * जुलाई,०९,अमेरिका, यूथ वर्ल्ड आर्चरी चैम्पिंशिप में स्वर्ण पदक
         * फ़रवरी, २०१०, बांग्लादेश, ११वीन सैफ गेम्स में टीम इवेंट में स्वर्ण    
            पदक.
          * मार्च, २०१०, बैंकाक, एशियन ग्रांड प्री, स्वर्ण पदक
          * अगुस्त, २०१०, अमेरिका, वर्ल्ड कप की टीम इवेंट में रजत पदक.
          लोक सेवा समिति सारे सदस्य  दीपिका के और उज्जवल भविष्य 
          की कामना करते हैं.